खालवा में जल समितियों के सम्मेलन में कलेक्टर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों से की अपील

खालवा में जल समितियों के सम्मेलन में कलेक्टर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों से की अपील , खेत का पानी खेत में गांव का पानी गांव में ही रोकें

संवाददाता मुकेश पटेल: मध्यप्रदेश वर्षा ऋतु में खेत का पानी खेत में, और गांव का पानी गांव में ही रोकने के लिए सभी ग्रामीण मिलकर सामूहिक प्रयास करें। अपने परिवारजनों तथा अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए वर्षा का पानी बचाएं। यह बात कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने खालवा में आयोजित जल समितियों के प्रशिक्षण में संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. नागार्जुन बी. गौड़ा, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सोनता बाई कवरे तथा उपाध्यक्ष श्रीमती सती बाई और एसडीएम हरसूद श्री पुरुषोत्तम कुमार भी मौजूद थे।

कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि हर वर्ष भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हमें आज से ही पानी बचाने के लिए विशेष प्रयास करना होंगे। पानी बचाने की दिशा में हम अभी नहीं जागे, तो बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने जल समितियों के सदस्यों से कहा कि गांव-गांव में पानी का महत्व बतायें और सभी से वर्षा का पानी बचाने की अपील करें। खालवा में जल समितियों के सम्मेलन में कलेक्टर श्री गुप्ता ने ग्रामीणों से की अपील

कलेक्टर श्री गुप्ता ने जल समितियों के उपस्थित सदस्यों से अपील की कि पहले वे अपने घरों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवायें और फिर गांव के अन्य लोगों को भी उनके घरों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए प्रेरित करें।

कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि हम जितना पानी खर्च करते हैं, उतना पानी बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी ही है। जिले की हर पक्की छत से वर्षा का पानी भूजल संवर्धन के उपयोग में आए, यह अगले 1 वर्ष में हमें सुनिश्चित करना है। उन्होंने जल समिति के सदस्यों को शामिल करते हुए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए भी कहा, ताकि जल संरक्षण से संबंधित गतिविधियों को उसमें शेयर किया जा सके। कलेक्टर श्री गुप्ता ने कहा कि अमृत संचय अभियान के तहत हमें जिले के सभी शासकीय व प्राइवेट भवनों की पक्की छतों पर रूफवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना है, ताकि वर्षा के पानी की एक-एक बूंद जमीन में समाकर भूजल स्तर को बढ़ाए। उन्होंने कहा कि 30 जून, 2026 तक प्रत्येक पक्की छत पर रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाने के लिए “मिशन अमृत संचय” प्रारंभ किया गया है।

कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौड़ा ने अपने संबोधन में बोरी बंधान, खेत तालाब, गली प्लग, मेढ़ बंधान जैसी जल ग्रहण संरचनाओं की उपयोगिता और उन्हें बनाने के तरीकों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि आगामी 31 अगस्त तक जल समितियों के सभी सदस्य पानी बचाने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर लें। उन्होंने बताया कि मिशन अमृत संचय के तहत भूजल संरक्षण की दिशा में सराहनीय कार्य करने वाली पंचायतो को चयनित कर पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जनपद पंचायत से 5 सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा।

इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर श्री कुलदीप फरे द्वारा जल समिति के सदस्यों को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से भूजल संरक्षण के संबंध में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। जल समिति के सदस्यों को बोरी बंधान बनाने, डगवेल रिचार्ज बनाने, हैंड पंपों के आसपास सोखता गड्ढे बनाने, मेढ़ बंधान, नाला गहरीकरण कंटूर ट्रेंच जैसी जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण के संबंध में भी प्रशिक्षण के दौरान जानकारी दी गई।

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