भारतीय महिला टीम बनी पहली बार विश्व विजेता 

भारतीय महिला टीम बनी पहली बार विश्व विजेता 

रिपोर्टर राज भूषण वर्मा 

भारतीय महिला टीम ने विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार विश्व कप अपने नाम किया है!

भारतीय महिला क्रिकेट टीम अब दुनिया की नई चैंपियन है। भारतीय क्रिकेट प्रेमी जिस पल का इंतजार साल 1973 में पहले महिला विश्व कप से कर रहे थे, वो आखिरकार साल 2025 में हरमनप्रीत कौर की टीम इंडिया ने उन्हें वो पल दिला दिया है। महिला विश्व कप के उतार-चढ़ाव से भरपूर और सांसें रोक देने वाले फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया है। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन का स्कोर खड़ा किया था। इसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम को 246 रन पर ऑलआउट करके मैच और ट्रॉफी अपने नाम कर ली।

साउथ अफ्रीकी कप्तान ने रोक दी थी सांसें

साउथ अफ्रीका की टीम ने जब टारगेट का पीछा करना शुरू किया तो क्रिकेट प्रेमियों को उम्मीद थी कि मुकाबला जल्द ही खत्म हो जाएगा। लेकिन अफ्रीकी कप्तान लौरा वाल्वार्डट ने एक बार फिर वहीं से पारी शुरू की, जहां सेमीफाइनल में शतक बनाकर इंग्लैंड के शिकंजे से अपनी टीम के लिए फाइनल का टिकट छीना था। लौरा 42वें ओवर तक विकेट पर रहीं और एक बार फिर शतक ठोक दिया। इससे भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की सांसें रुक गई थीं, लेकिन बल्ले से भारतीय पारी के दौरान बेहतरीन फिफ्टी बनाने वाली दीप्ति शर्मा ने गेंद से मैजिकल हैंड दिखा दिया। दीप्ति ने वाल्वार्डट को अमनजोत कौर के हाथों कैच कराकर मैच पलट दिया। वाल्वार्डट ने 98 गेंद में 101 रन की पारी खेली। इसी ओवर में दीप्ति ने चौथी गेंद पर कोले ट्रायॉन को भी एलबीडब्ल्यू कर दिया। इससे पहले 40वें ओवर में भी दीप्ति ने एनारी डिकरसन को बोल्ड कर दिया था।

शेफाली ने गेंद से दिखाया था मैजिक

भारत की पारी में सबसे बड़ी स्कोरर रहीं शेफाली वर्मा ने भारतीय टीम के लिए उस समय गेंद से भी मैजिक दिखाया था, जब उन्होंने अपनी गेंद पर मारिजाने कैप्पे को कैच आउट कर दिया था। शेफाली ने अपने अगले ओवर में एक विकेट और लिया। लौरा वाल्वार्डट ने एक छोर पर टिके रहकर कई प्लेयर्स के साथ साझेदारियां कीं, लेकिन कोई भी बड़ी पारी खेलकर उनका साथ नहीं दे सका।

शेफाली ने पहले ही ओवर से की बूम-बूम

इससे पहले भारतीय टीम ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी की। सेमीफाइनल में असफल रहीं शेफाली वर्मा ने यहां सारी कसर निकाली और पहले ही ओवर से अफ्रीकी गेंदबाजों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। शेफाली ने पहले विकेट के लिए स्मृति मंधाना के साथ 104 रन जोड़े। स्मृति मंधाना 45 रन बनाकर आउट हो गईं, लेकिन शेफाली का जलवा जारी रहा। उन्होंने 78 गेंद में 87 रन बनाए और कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ दिए। वे विश्व कप फाइनल में सबसे कम उम्र में फिफ्टी लगाने वाली ओपनिंग बल्लेबाज बन गई हैं।

दीप्ति शर्मा ने आखिरी ओवरों में बल्ले से मचाई धूम

जेमिमा रोड्रिग्स और हरमनप्रीत कौर बड़ी पारियां नहीं खेल सकीं, जबकि अमनजोत कौर भी जल्दी ही आउट हो गईं। लेकिन दीप्ति शर्मा ने बल्ले से आखिरी ओवरों तक धूम मचाई और 58 गेंद में 58 रन बनाए। उनका साथ ऋचा घोष ने दिया, जिन्होंने 24 गेंद में 34 रन की पारी खेली।

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