मोबाइल के जाल में फंसे विद्यार्थी,अकादमिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा

मोबाइल के जाल में फंसे विद्यार्थी,अकादमिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा। 

संवाददाता करन कुमार विश्वकर्मा

 यूपी जनपद प्रतापगढ़ 

शिक्षा। जी हां दोस्तों आपको बता दें कि विद्यार्थियों के लिए मोबाइल फ़ोन वरदान के साथ-साथ एक अभिशाप भी साबित हो रहा है। इसके अत्यधिक उपयोग से न केवल उनकी एकाग्रता भंग हो रही है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। घंटों तक सोशल मीडिया और गेमिंग में खोए रहने से उनका कीमती समय बर्बाद हो रहा है, जिसका सीधा असर उनके शैक्षणिक प्रदर्शन पर पड़ रहा है। इसके साथ ही आपको बताते चलें कि

शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट भारी गिरावट देखने को मिलती है। इसके अलावा मोबाइल की लत के कारण छात्रों का ध्यान पढ़ाई से भटक रहा है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेम्स ध्यान भटकाते हैं, जिससे उनकी एकाग्रता कम होती है और पढ़ाई में उनका प्रदर्शन गिर रहा है। इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है मोबाइल पर अत्यधिक निर्भरता से चिंता, अकेलापन और चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। नींद पर भी बुरा असर पड़ रहा है, क्योंकि रात में फोन का इस्तेमाल मेलाटोनिन जैसे नींद के हार्मोन के उत्पादन को कम करता है। इसके अलावा

शारीरिक गतिविधि में कमी देखने को मिलती है साथ ही स्क्रीन के सामने घंटों बिताने से छात्र शारीरिक गतिविधियों से दूर हो रहे हैं। इससे उनकी शारीरिक मुद्रा खराब हो सकती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा स्कूल और घर में लगातार ऑनलाइन रहने के कारण छात्रों के साइबरबुलिंग का शिकार होने का खतरा बढ़ जाता है।

समस्या से निपटने के उपाय:-

छात्रों को गैर-ज़रूरी ऐप्स के नोटिफिकेशन बंद करने, पढ़ाई के दौरान फोन को दूर रखने और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए मोबाइल से ब्रेक लेने की सलाह दी गई है।

निष्कर्ष:- यह जरूरी है कि माता-पिता और शिक्षक मिलकर छात्रों को मोबाइल फोन के सही उपयोग के बारे में सिखाएं और उनकी निगरानी करें, ताकि वे इसके नकारात्मक प्रभावों से बच सकें और अपनी पढ़ाई तथा स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें।

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